Monday, November 8

महसूस तब होता है......

जब तू सामने होती है आँखों ही आँखों में बात होती है
जुबा की बाते नजरो से होती है ,होठ तो बस खामोस ही रहते है
तेरा वो कोमल सा चेहरा ,और वो कटीली मुस्कान
जाने कितने वार किया मेरे दिल पे
इस थोरे से समय में जाने क्यों ऐसा लगता है ,
जैसे की ये पहचान है जन्मो का
हम भी खामोश और वो भी खामोश
समय तो युही चलता गया ,दिन भी घुजरता गया
वो घरी गयी , जब जुदा तो होते है
लेकिन फिर भी जाने क्यों ,खामोश से रहते है
महसूस तो तब होता है जब हम भी अलग और वो भी अलग
मंजिले अलग रास्ते अलग
तन्हा दिल और तन्हा सफ़र ...........नजरे भी बन्द......जुबा भी बन्द.......
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