Friday, July 20

याद आती है.....


दिन ढल जाने के बाद .......हर कुछ खो जाने के बाद
          दिल की तन्हिई  से तेरी याद आती है.....
 
हर वो लम्हा .......हर वो पल .....हर वो घरी...
               जो बिताये तेरा साथ .......
पल
- पल तेरे साये की तरह याद आती है ......

तेरे साथ वो पहली मुलाकात ........
        वो तेरा मुस्कुराता चेहरा ........
हर
वो बिताये लम्हे साथ
में ....
     रह - रह के याद आती है...........

तेरा वो दूर से मुस्कुराना .........
       पास आकर हाई बोलना .......वो चमच से खिलाना ....
जाते
हूवे  बाय बोलना ......
                सब कुछ याद  आता है ..............

है
ये एकी मुझे अपने पर

     जो याद इधर आती है .....वो उधर भी आती होगी........
है
ये दिल की बैचैनी ही सही.....मगर उसे  याद दिलाती तो होगी ....
 
लेकिन ये सारी बाते दिल की बाते है.....
     ये दिल ही जाने .....या वो दिलरुबा जाने ....
मगर
याद  तो आती है....

सपने में सही .....हकीकत में सही .....
   जाने - अनजाने में सही ....
ना
जाने वो कब - कब याद आती है.....

ये है उसका प्यार या दीवना-पन .....
या
और ही कुछ........
     जुदा होके भी वो " मिस बेवफा
याद आती है....