Friday, September 14

"ये दिल ही था दीवाना "







ज़माने भर की कसमे खायी है
       फिर भी हमने रशमो को निभाई है ........
साथ रहना है हमें दूर जाना नहीं
            दूर रह के भी पास  रहना है मुझे ......
शायद ये दिल ही था दीवाना
            जिसको भी हमने चाहा......उसने हम को  न जाना .......
शायद ये  है खुदाई  या गम की जुदाई
     जिस तरफ  भी  चले है भवर में फसे है
समुन्दर की लहरों पे खुद को ले के चले है ........
"  लाइफ बोट " की आशा में खुद को लेकर बढ़ते चले है
           मगर वो न आई और न ही लाइफ बोट लेकर आयी
और जब भी आयी एक सुनामी लेकर आयी
       हर तरफ एक सन्नाटा .....एक खामोसी देने को आयी ...........