Dedicated to the poem lover.Hindi poem Lover. "हिन्दी कविता".Love poem.I like to write new poem from my bottom of heart.Get connected through my page for new and funny "हिन्दी कविता"
Monday, December 26
सफर
जब चले है तो चले है ...सफर मे चले है,
है मुकिन नहीं ये आस्हा नहीं ,
फिर भी कांटे भरे राह़ू पर चले है हम .....
हो फूलू का सेज ,या कांटो का पत्थर ,
सभी पर है चलना और जक्मों को है सहना .....
सायद यही है रास्ता और यही है मिटटी ,
जो ले जाती है मुझको यू ही अपनी ओर
जब चले है तो चले है ...सफर मे चले है................
वो सुनसान राहें अकेला सफ़र ,
हँसती जिंदगी तनहा सफ़र .........
हमने भी पाया तुमने भी पाया ,
लेकिन जिस पर चले है वो मंजिल को पाया .............
यही है हकीकत यही है फसाना,
न समझो इसको ये है बेगाना............
जब चले है तो चले है ...सफर मे चले है......
Subscribe to:
Posts (Atom)