Wednesday, January 4

ये चीज है ऐसी

ज़माने को हमने जलाया ,अपने को भी ठुकराया
ये क्या चीज है जिसको हमने होठो से लगाया ..


सब पुचते है ,ये चीज क्या है
हम कहते है भुझो तो जानो ,पियो तो जानो ....


है ये सबब ये मेरी जरुरत
मै कहता हु ,है ये बरी ही खुबसूरत ......

आग से हमने खेला है ,बरी ही मुश्किलों को झेला है
येही है जिसको हमने अपने दिल से टटोला है ......


प्यासों को पिलाया ,गिरते को उठाया ...उठतो को गिराया
ये चीज है ऐसी जिसको सबने आजमाया .......


सोचता हु ,ये दुहाई है या दिल की गहरियी है
लकिन ये दिल की आवाज़ है
पीता हु पीने के लिए ...जीता हु जीने के लिए .....


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