Thursday, September 2

झर-झर करते पानी


ये झर-झर करते पानी
प्यासों की पयास भुझाते
रहते अपने ही मगन में
मंजिल की परवाह करते
घिरते सँभालते यो ही चलना है
हर मुस्किल को आशन करना है

बढ़ना है और बढ़ना है
जीवन में यो ही निरंटर बढ़ते रहना है

हर मुस्किल को आशन कर देंगे
हर ख्वाब को हकीकत बना देंगे ........
ये जो पथ मिला है ......
उस पर निरंतर बढ़ते रहना है

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