Dedicated to the poem lover.Hindi poem Lover. "हिन्दी कविता".Love poem.I like to write new poem from my bottom of heart.Get connected through my page for new and funny "हिन्दी कविता"
Thursday, September 2
झर-झर करते पानी
ये झर-झर करते पानी
प्यासों की पयास भुझाते
रहते अपने ही मगन में
मंजिल की परवाह न करते
घिरते सँभालते यो ही चलना है
हर मुस्किल को आशन करना है
बढ़ना है और बढ़ना है
जीवन में यो ही निरंटर बढ़ते रहना है
हर मुस्किल को आशन कर देंगे
हर ख्वाब को हकीकत बना देंगे ........
ये जो पथ मिला है ......
उस पर निरंतर बढ़ते रहना है
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