
जब वो बजती है , तो मानो सही में मेरी बजती है .....
न जाने किस -का कॉल हो , पर मेरी बजती है
चाहे वो कॉल कस्टमर केयर का हो ,या क्रेडिट कार्ड वाला का ...
या हो X गर्ल फ्रेंड का ,पर मेरी बजती है
न जाने वो कौन सा दिन था , जब हमने ये बजने वाला यन्त्र ख़रीदा था ...
और अपना चैन -सकून भी खोया था
सयाद वो दिखा था ,या मेरी जरुरत
लकिन कुछ भी हो , वो दिन था बरा ही बदसूरत ...
बजते -बजते न जाने कब , खुद ही कालर तुने लग जाता है ..
औउर हमारे मेहनत के 30 रुपीस भी ले जाता है
मानो तो ये मेरी ही नहीं , ये तो साडी दुनिया की बज रही है ...
लकिन क्या करे बजती ही तो बजनी दो ........और दुनिया को युही ही मस्ती में चलने दो .......
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