समझ गया मै ,जो समझ न पाया
भूले से जो नाम न ले पाया
दिल पे एक अंगुली सी घुमायी
न जाने क्यो तेरी तस्वीर बन आई
फरेबी है लोग ,मतलबी है यार
फिर भी न जाने क्यो संभालता है यार
ये दुनिया है दोखा ,सिर्फ एक दोखा
कभी न दिया है अच्छों को मौका
बनाते है हसरत औरों के बहाने
जलाते है घर बना के महल
यही है दुनिया यही है लोग
समझ गया मै ,जो समझ न पाया ................
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